दोहे- प्राणायाम योग
योग रोज़ाना कीजिये,स्वस्थ तन मन हो जाये।
बुरे विचारों से बचें, रोगों से लड़ पायें ।।
ज़ोर से सांस खींचिये, सीने में भर जाय।
क्षमता जितनी रोकिए,छोड़े विकार भगाये।। - प्राणायाम
अनुलोम विलोम कीजिये,एक एक नथुना दबाय।
शरीर को मजबूत करे, दिमाग शांत हो जाय।।
ज़ोर से सांस छोड़िये, पेट को अंदर खींच।
कपालभाटि कीजिये, पाचन रक्खे ठीक।।
लोहार की धौंकनी, फूलत पिचकत जाये।
कर भस्त्रिका छाती को,लें धौकनी सा बनाये।।
अंगुष्ठ कान बंद करे, उँगलियें नाक आंख दबाये।
ध्वनि ऐसी कीजिये, जैसे भ्रमर भिनभिनाये।।
भ्रामरी नाम का ये प्राणायाम होय।
माइग्रेन हाई बीपी में ,निश्चित राहत होय।।
वक्ष के व्यायाम ये,प्राण वायु बढ़ाये।
लंबी आयु प्राप्त हो,चुस्ती फुर्ती जगाए।।
वक्ष - chest
प्राणवायु- oxigen
✍️गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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