!! मॉडर्न बन जा रे !!
सोच पुरानी रुढ़िवादी,
विकासधारा से भटकाती,
भेदभाव जो हमें सिखाती,
ज्ञान से वंचित हमें कराती,
छोड़के वो आडम्बर सारे,
नया दौर है बदल जा प्यारे,
modern बन जा रे,
मॉडर्न बन जा रे।।
प्रेम का भाव सबसे रख,
मात पिता से स्नेह रख,
आदर दे और आदर पा,
कभी किसी का दिल ना दुखा,
टेक्नोलॉजी जो दूर कराती,
उसका संयमित use कर ले,
प्रकृति जो जीना सिखाती,
उसका संयमित दोहन कर ले,
नया दौर है बदल जा प्यारे,
modern बन जा रे,
मॉडर्न बन जा रे।।
आधुनिकता की दौड़ लगी है,
नित नया संसार गढ़ी है,
स्वर्णिम इतिहास की यादों से,
सुनहरा नया भविष्य बना रे,
आध्यात्म को साथ मे रखके
क्षमताओं को अपनी बढ़ा ले
संकुचित विचारों की धारा से,
पीछे छूट ना जाना रे,
नया दौर है बदल जा प्यारे,
modern बन जा रे,
मॉडर्न बन जा रे।।✍️ गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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