तुम्हारा साथ
अब मै तन्हा कहाँ रहता हूँ,
जहां भी रहता हूँ, तुम्हारा साथ होता है,
अपनो की भीड़ में या परायों की महफ़िल में,
मेरे दिल मे तुम्हारी यादों का जज्बात होता है,
अब मै तन्हा कहाँ रहता हूँ,
जहां भी रहता हुँ, तुम्हारा साथ होता है।।
तुमसे मोहब्बत के अनकहे,
वो सारे ख्यालात,
तुम्हारे बिना जो अधूरे है,
वो सारे ख़्वाब,
रहते है, अब भी साथ मेरे और,
तुम्हारा इंतज़ार होता है,
अब मै तन्हा कहाँ रहता हूँ
जहां भी रहता हुँ, तुम्हारा साथ होता है।।
ज़िन्दगी की मुश्किलों में,
जब फंसता हूँ,
अपनी जगह तुम्हें रखकर,
सोचता हूं,
तुम्हारे विचारों से घुला मिला,
मेरा नज़रिया होता है,
अब मै तन्हा कहाँ रहता हूँ,
जहां भी रहता हुँ, तुम्हारा साथ होता है।।
मन से मन जुड़ा हो जहां,
वो रिश्ता खास होता है,
दूरियों में भी नज़दीकियों का,
अहसास होता है,
अब मै तन्हा कहाँ रहता हूँ,
जहां भी रहता हुँ, तुम्हारा साथ होता है
जहां भी रहता हुँ, तुम्हारा साथ होता है।।
🙏🙏🙏✍️गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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