गाना- ना नाराज़ हो ए दिल
मुखड़ा-
ना नाराज़ हो ए दिल, ना कुछ बोल ज़माने से
जिन्हें जरूरत नही तेरी, तू ना रो उनके रुलाने से
ना नाराज़ हो ए दिल, ना कुछ बोल ज़माने से....2
अंतरा-1
मेरे अश्क़ों मेरी आँखों से तुम, बाहर नही आना
खुशी के हो या गम के हो, तुम्हे है कौन पहचाना...2
जग हंसाई ना करना तुम, मेरी किसी बहाने से
ना नाराज़ हो ए दिल, ना कुछ बोल ज़माने से....
अंतरा-2
मोहब्बत में मिले धोखे से,तू हैरान ना होना
हसीनो की ये आदत है,सितम करना औ गम देना..2
तेरी किस्मत में जो होगा, वही इक दिन तुझे मिलना
होंसले की बात होने दे, क्या मिलेगा यूँ हार जाने से....
जिन्हें जरूरत नही तेरी, तू ना रो उनके रुलाने से
ना नाराज़ हो ए दिल, ना कुछ बोल ज़माने से....2
🙏समाप्त🙏
✍️गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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