माँ मैं इतना बुरा नही
माँ मैं इतना बुरा नही कि,
तेरा श्रृंगार ना कर पाउँगा
ना मैं इतना कायर हूँ कि,
तेरी लाज ना बचाऊँगा।।
माँ!धरती तेरी, गोद है मेरी,
तेरी मिट्टी से, मैं जुड़ा हुआ,
खाया पीया खेला कूदा,
तेरी गोदी में,मैं बड़ा हुआ,
गोद तेरी हरी रहे,वीरों को जनती रहे,
मैं लहू से अपने सींच जाऊंगा,
मैं इतना भी बुरा नही कि,
तेरा श्रृंगार ना कर पाउँगा।।
चीर के रख दूंगा वो जिस्म,
जो तेरी सीमा रौंधेगा,
फोड़ के रख दूंगा वो आंख,
जो बुरी नज़र से देखेगा,
मस्तक काट के अपना माँ,
मैं तेरी बिंदिया सजाऊंगा,
मैं इतना भी बुरा नही कि,
तेरा श्रृंगार ना कर पाउँगा।।
मेरे जैसे, तेरे कितने बेटे,
लालायित प्राण न्यौछावर को,
हे!माँ भारती स्वीकार करो,
हम आते शीश चढ़ाने को,
तेरे चरणों की धूल,लहू में
मिलाकर, मेंहदी लगाऊँगा,
मैं इतना भी बुरा नही कि,
तेरा श्रृंगार ना कर पाउँगा।।....✍️गौरव
🙏भारत माता की जय🙏
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