Sunday 26 July 2020

मैंने पूछा चाँद से....कविता

मैंने पूछा चाँद से....




💞एक जमाना वो भी था,
जब हम सायकल चलाकर जाते थे,
दूजी गली में रहने वाले,
चाँद को देखकर आते थे।।💞

😍उसके चेहरे पर pimple होकर
गड्ढे से बन जाते थे,
नाम तो उसका चांदनी था,
पर हम चाँद बुलाते थे।।😍

मैंने पूछा चाँद से इक दिन
क्या तुम मुझसे प्यार करोगी?💖
blood moon के जैसे उसने,😠
तेवर हमें दिखाए थे।।

अगले दिन मिल, बीच बाज़ार,
दिया चाँद ने हमें फटकार,
चाँदनी बिखेरी थी गालो पर,👋
दिन में तारे चाँद दिखाए थे।

सायकल हमने पंचर कर दी
अब ना चाँद को देखने जाते थे,
घर की छत से दिखने वाला,
चाँद देख मन बहलाते थे।।.....🤣🤣✍️✍️गौरव

भोपाल मध्यप्रदेश

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