होरी खेले, बिहारी सरकार...
ब्रज में धूम मचाए... २
रंग लगाएं, गुलाल उड़ाएं...2
भर भर के, पिचकारी चलाएं...2
राधारानी...,
राधारानी, को दियो लिपटाए....
ब्रज में धूम मचाए,
होरी खेले, बिहारी सरकार....
ब्रज में धूम मचाए...2
सांवरे से तन पे मोहन...2
नीरो पीरो रंग लगाए...2
देख छवि अद्भुत मोहन की...2
गोपी, प्रेम के रंग रंग जाए...
गोपी खुद ही....
गोपी खुद ही, से रंग लगवाए....
ब्रज में धूम मचाए....
होरी खेले, बिहारी सरकार
ब्रज में धूम मचाए...2
राधारानी भर पिचकारी....
कान्हा जी के पीछे दौड़ी...
ठाड़े रहे ये सोच के मोहन...
इच्छा मेरी पूरी हो जाए...
जैसे भी हो,
जैसे भी हो, राधारानी छू जाए...
ब्रज में धूम मचाए....
होरी खेले बिहारी सरकार
ब्रज में धूम मचाए....2 ✍️गौरव
08.03.24