Friday 8 March 2024

होली खेले बिहारी सरकार

 


होरी खेले, बिहारी सरकार...

ब्रज में धूम मचाए... २

रंग लगाएं, गुलाल उड़ाएं...2 

भर भर के, पिचकारी चलाएं...2

राधारानी...,

राधारानी, को दियो लिपटाए....

ब्रज में धूम मचाए,

होरी खेले, बिहारी सरकार....

ब्रज में धूम मचाए...2


सांवरे से तन पे मोहन...2

नीरो पीरो रंग लगाए...2

देख छवि अद्भुत मोहन की...2

गोपी, प्रेम के रंग रंग जाए...

गोपी खुद ही....

गोपी खुद ही, से रंग लगवाए....

ब्रज में धूम मचाए....

होरी खेले, बिहारी सरकार

ब्रज में धूम मचाए...2


राधारानी भर पिचकारी....

कान्हा जी के पीछे दौड़ी...

ठाड़े रहे ये सोच के मोहन...

इच्छा मेरी पूरी हो जाए...

जैसे भी हो,

जैसे भी हो, राधारानी छू जाए...

ब्रज में धूम मचाए....


होरी खेले बिहारी सरकार

ब्रज में धूम मचाए....2 ✍️गौरव

08.03.24

जय जय श्री राधे बोलो



जय जय श्री राधे, बोलो,

जय जय श्री राधे, बोलो....2

बिगड़ी अपनी बना लो

किस्मत के दरवाज़े खोलो...

जय जय श्री राधे बोलो

जय जय श्री राधे बोलो...2


इस नाम की महिमा अपरम्पार

कृष्ण भी जपते है बारम्बार 2

जपते रहो राधा राधा

कृष्ण की शरणागति को पालो...

जय जय श्री राधे बोलो,

जय जय श्री राधे बोलो...2


सूरज भी चमके जिसकी कृपा से

चंदा भी रोशन जिसकी प्रभा से

सृष्टि समूची है जिसमे समाई

उस नाम का तुम भी सुमिरन कर लो...

जय जय श्री राधे बोलो

जय जय श्री राधे बोलो....2 ✍️गौरव

8.3.24

Monday 26 February 2024

जय जय श्री राधे 🙏

 जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,

चरणों मे अपने, मुझको जगह दे,

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,

चरणों मे अपने, मुझको जगह दे,...2


करुणामयी अपनी, कृपा दिखा दे..

ममतामयी अपनी, सूरत दिखा दे..2

तुम सबपे कृपा बरसाने वाली

मेरी तरफ़ भी नज़रें घुमा दे....2

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे

चरणों मे अपने, मुझको जगह दे...2


नित रोज़ तेरी पूजा करूँ मैं..

बरसाने में मुझको बसा दे...2

तेरे ही नाम, को जपता रहूँ मैं,

बुद्धि को मेरी, तुझमें लगा दे..2

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे

चरणों मे अपने, मुझको जगह दे...2


तेरी शरण में, रहे मेरा जीवन...

मुझको यही इक, वर दे दो राधे....2

संसार की, माया से मेरे,....

मन को हटा के, तुझमे लगा दे...2

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,

चरणों मे अपने, मुझको जगह दे..


जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे

चरणों मे अपने मुझको जगह दे....

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,....✍️गौरव☺️

26.02.2024

Thursday 22 February 2024

क्षणिकाएं

                                  क्षणिकाएं 

१) दीवारों पर ना सही,

दिल में उनके निशां,

आज भी है,

गैरों में ना सही, 

अपनो में हम बेगाने,

आज भी हैं,

कुछ इस तरह है बयां, 

अपनी मोहब्बत का फ़लसफ़ा,

वो किसी और के हो गए,

हम उनके दीवाने,

आज भी है।।

✍️गौरव 24.01.2023


२) बाइज़्ज़त निकली थी घर से,तेरी गली में बेइज़्ज़त हो गई,

हया का पर्दा हटा नज़र से,कम्बख्त मोहब्बत हो गई।। 

✍️गौरव 24.01.2023


शेर- इज़ाज़त

तुम जो करते हो,उसकी इज़ाज़त, किसी और को नही है,
मगर सिर्फ और सिर्फ दिल दुखाना ही,मोहब्बत तो नही है।

🙏✍️गौरव

२२.०७.२०२०


शेर- ज़ज्बात

जज़्बात आज भी, मेरे ठहरे है,
जुबां पे आज भी, मेरे पहरे है,
मैं गुमगश्त हूँ, तेरी यादों में,
ज़ख़्म-ए-दिल आज भी,मेरे गहरे है।।

✍️गौरव १९.०७.२०२०

गुमगश्त- खोया हुआ


इंतज़ार

आज फिर जेहन में तेरी यादों ने डाला डेरा

मेरी सांसो को तेरी ख़ुशबू ने आके घेरा 

खुदाया कब तलक तड़पना है मुझे ये तो बता

खत्म होगा या नही ये इंतज़ार मेरा....🙏 ✍️गौरव

०४.०९.२०२०



शेर- परवाज़ 

घाव गहरे तो है मगर, अभी और चोट खाना बाकी है,
तुम्हारी नज़रों में आया हूँ, अभी दिलों में आना बाक़ी है ।।
परिंदों से कह दो, परवाज़ ऊंची ही रखें,
निगाहें आसमाँ पर मेरी,बस, पर फैलाना बाक़ी है।।


✍️गौरव 

१६.०७.२०२०

भोपाल मध्यप्रदेश



सीधा उल्टा एक, जादुई शेर

1)   सीधा-  खुशियाँ मिली कभी, कभी मिले ग़म,


                          खुदा तेरी इनायत है,आगे बढ़ते रहे हम।।

उल्टा- हम रहे बढ़ते आगे,है इनायत तेरी खुदा,
          ग़म मिले कभी,कभी मिली खुशियाँ।।


2) सीधा- एक मेरी चाहत, चरण तेरे श्याम,
                    एक मेरी मन्नत, बस चिंतन तेरा श्याम।
              तुझमे घुल जाए,जीवन मेरा श्याम,
             एक मेरी हसरत,दर्शन तेरे श्याम।।


उल्टा- श्याम तेरे चरण,चाहत मेरी एक,
         श्याम तेरा चिंतन बस,मन्नत मेरी एक।
         श्याम मेरा जीवन,जाए घुल तुझमे,
         श्याम तेरे दर्शन,हसरत मेरी एक।।

✍️गौरव

16.07.20

भोपाल मध्यप्रदेश


रोज़ी रोटी की तलाश में, ठिकाने बदलते रहे,

हर दौर में गरीबों के, आशियाने बदलते रहे,

ना मंज़िल हुई हसिल, ना सफर ही हुआ खत्म

वो चलते रहे 'बेखबर' ज़माने बदलते रहे...✍️गौरव ३१.०५.२०


मोहब्बत में बहाने बदलते रहे,
नज़रों के निशाने बदलते रहे,
हम बदल ना सके, उनके मुताबिक़,
वो अपने मुताबिक़, ठिकाने बदलते रहे।✍️गौरव ३१.०५.२०


शेर - राब्ता 

मेरा और समन्दर का,इतना है राब्ता,

मेरे आँसू खारे, उसका पानी खारा....।।

✍गौरव १०.०६.२०२२


शेर- डायरी

पन्नों - पन्नों पर,डायरी के, कतरा - कतरा सी,ज़िन्दगी है।

तन्हा - तन्हा से लफ़्ज़ों में, भीगी - भीगी सी शायरी है।।

✍️गौरव १०.०६.२०२२


आफताब ढल गया,बातों ही बातों में,

मैं थाम के बैठा रहा, हाथों को हाथों में

बेसब्री से था इंतज़ार जिस मुलाकात का

मिलकर वक़्त गुजर गया,आंखों ही आंखों में..✍️गौरव २९.०५.२०२०


शेर- अधूरी मोहब्बत


सिरहाने तकिये के,हर रात गुज़र करती है,

अधूरी मोहब्बत भी,ताउम्र असर करती है।।

✍️गौरव १०.०६.२०२२


ए बारिश ज़रा सीख ले बरसने का कायदा

जिनकी छत टपकती हो उन्हें डुबोने से क्या फायदा..

✍️गौरव ०४.०९.२०२०


बहुत खूब




ग़म में लिखे लफ्जों को,खुशी के गीत दे दूँ,


अपनी किसी ग़ज़ल को,नया रूप दे दूँ ।


तुमको देखा जो आज बारिश में, भीगते हुए,


यूँ लगा जिंदगीं को आज, "बहुत खूब" कह दूँ।


✍️गौरव १२.०७.२०२०


शेर


बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
चर्चे मेरे होंगे तो मशहूर तू भी हो जाएगी।। ✍️गौरव ०४.०९.२०२०








जी रहे है....


 जैसे भी हो, जी रहे है,

पहले गरीबी से, अब

महामारी से लड़ रहे है,

गरीब आदमी है,

अस्पताल के खर्चों से भयाक्रान्त

घर मे ही देसी काढ़े पी रहे है,

जैसे भी हो, जी रहे है।


जंगल काटे ज़मीन बनाई

फिर ज़मीन की मारामारी हुई,

जल इतना बहाया की,

खरीद खरीद के प्यास बुझाई

जल जंगल ज़मीन मिटे तो,

हवा खरीदने की नौबत आई,

अपने लिए हवा मिले ना मिले,

बच्चों के लिए पेड़ पौधे लगा रहे है,

Mask, Senetizer के खर्चे में

दो वक़्त का खाना जुटा रहे है

पुराने गमझे से काम चला रहे है

जैसे भी हो जी रहे है।


किसे भला कहे, किसे बुरा,

सभी तो ईमानदार है यहां

क्या आम क्या खास

"आपदा में अवसर" के 

सरकारी फ़रमान का लाभ 

सभी उठा रहे है,

जैसे भी हो जी रहे है।


शमशान आबाद है,

घर बर्बाद है,

मौत मनाती है,जश्न

ज़िन्दगी उदास है,

किसके लिए रोएं या,

किस किस के लिए रोएं,

अपनों की चिंताओं को,

दाग ना पाना,

यही मौत का नंगा नाच है,

चिताओं की आंच से,

आंसू कबके सूख गए,

संवेदना रहित जिस्म,

बस ज़िंदा लाश है।


सुखद भविष्य की आस में,

वर्तमान के कड़वे घूँट पी रहे है,

जैसे भी हो, जी रहे है,

जैसे भी हो, बस जी रहे है।।।

✍️गौरव

03.05.2021

बातचीत

 

                              बातचीत


तेरी मेरी बातचीत,

जैसे हो आसमाँ,

कहाँ से शुरू,

खत्म हो कहाँ.....

ले जाएगी हमें,

नाजाने कहाँ,

चुरा लेगी दिल,

भुला देगी जहाँ.....


लफ़्ज़ों में आशिक़ी,

इश्क़ - ए - अंदाज़ है,

सुरीली सी हो बाँसुरी,

मीठी आवाज है,

जैसे कोई साज़ है,

कानों में बज रहा,

चुरा लेगी दिल,

भुला देगी जहाँ....

तेरी मेरी बातचीत,

जैसे हो आसमाँ,

कहाँ से शुरू,

खत्म हो कहाँ.....


सपनों का है सफ़र,

उम्मीदों की डगर,

हौंसलों से भरे,

अंधेरों को तोड़कर,

निराशाओं के,

दे बादल हटा,

तेरी मेरी बातचीत,

जैसे हो आसमाँ,

कहाँ से शुरू,

खत्म हो कहाँ....


रिश्तों को निभाती है,

प्यार को बढ़ाती है,

बातचीत, ये बड़े,

मसले सुलझाती है,


अधरों की क़ैद में,

बातें जो बंद हो,

मन के भाव औ,

विचार नज़रबंद हों,


जिंदगीं ना रुके,

ना रुके कारवाँ,

हमारी बातचीत,

होती रहे सदा...

तेरी मेरी बातचीत,

जैसे हो आसमाँ,

कहाँ से शुरू,

खत्म हो कहाँ.....

ले जाएगी हमें,

नाजाने कहाँ,

चुरा लेगी दिल,

भुला देगी जहाँ.....।।।


🙏🙏🙏✍️गौरव

26.08.2020

दर्द ही दर्द

 


गुबार है धूल का

प्यार की भूल का

मोहब्बतों का कारवां 

गुज़र गया

दर्द ही दर्द 

अब रह गया

दर्द ही दर्द 

बस रह गया....


कच्ची सी डगर है ये

बबूल शूल से भरे

रास्ते में छोड़कर 

किधर गया

दर्द ही दर्द 

अब रह गया

दर्द ही दर्द 

बस रह गया...


तुम पुकार लो 

कहीं से एक बार

मै भटक रहा/रही 

तुम्हे ही खोजते

जानना है क्या कसूर

था मेरा

क्यूँ तू इतना बेवफ़ा

हो गया

दर्द ही दर्द 

अब रह गया

दर्द ही दर्द 

बस रह गया...

गुबार है धूल का

प्यार की भूल का

मोहब्बतों का कारवां 

गुज़र गया

दर्द ही दर्द 

अब रह गया

दर्द ही दर्द 

बस रह गया....।।

✍️गौरव

27.11.2020