पुरानी टंकी
घर की सबसे पुरानी टंकी,
एक उम्र से दरारे जिसमे थी।
बून्द बन्द कर रिसती थी,
शायद ढहने की बेताबी थी....।।
जिसने अपना आँचल भरकर
पानी सबको पिलाया था।
नए प्लास्टिक टैंक ने आकर,
उसका उपहास उड़ाया था.....।।
कुछ बच्चों ने चीनी मिट्टी से,
मरहम उसको लगा दिए।
जर्जर होती टंकी के,
कुछ दिन और, बढ़ा दिए....।।
टंकी की गोदी में अब,
पानी अच्छा रुकने लगा।
उछलकूद कर बचपन ने,
टंकी को जीवनदान दिया....।।
🙏🙏🙏✍️गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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