Sunday 26 July 2020

तू बनके तितली दिल, उड़ा!!


!!तू बनके तितली दिल, उड़ा!!

तू बनके तितली... दिल, उड़ा..
दीवाने को.... यूं ना सता
तू मेरा फूल.... मैं तेरा भंवरा
आजा जी लें....संग संग जरा

चलो नील गगन में उड़ जाए, बादलों के संग
तुम तितली बनकर फैलाओ, रंग बिरंगे पंख
मैं भंवरा बनके ले के चलूँ, तुम्हे हवाओ संग
मेरे जीवन की तुम डोर बनो,मैं बनूँ तुम्हारी पतंग

पलकों पर ये.... ख्वाब सजा,
तू बनके तितली.... दिल, उड़ा,
तू मेरा फूल.... मैं तेरा भंवरा,
आजा जी लें....संग संग जरा,

चलें प्रेमनगर की बगियाँ में,जहां इश्क़ के फूल खिलें,
प्यार की ऐसी खुशबू हो, जो तन मन मे घुले,
तेरा हाथ पकड़ मैं दिखलाऊँ, तुम्हे ऐसी मंज़िलें,
दो प्यार करने वाले,जहां होते अमर मिलें'

करके भरोसा... पास तो आ,
तू बनके तितली.... दिल, उड़ा,
तू मेरा फूल..... मैं तेरा भंवरा,
आजा जी लें..... संग संग जरा...।।

चल ले चल तू संग अपने,किसी ऐसी राह पर,
जहां तेरे सिवा ना कोई हो,मेरा हमसफर,
मैं मस्त गगन में उड़ जाऊं, तेरी बांहे थामकर,
पर ऐसा ना हो तू चलदे, कहीं मुझको छोड़कर,

प्यार है तो.....डोली ला,
बनाके दुल्हन....तू ले जा,
मैं तेरा फूल....तू मेरा भंवरा
आजा जी लें.... संग संग जरा...।।

बनके तितली... दिल उड़ा..
तू मेरी...मैं तेरा....
मैं तेरा फूल....तू मेरा भंवरा
आजा जी लें.... संग संग जरा...।।

🙏🙏✍️गौरव

भोपाल मध्यप्रदेश



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