🙏सुनो तितलियों🙏
सुनो तितलियों,मेरी बात सुनो,
अपना जीवन आप चुनो,
दिल मे जो भी,हसरत है,
जो बनना है, वही बनो....।।
सुनो तितलियों,मेरी बात सुनो,
पंखों को इतना फैलाओ,
दूर से ही तुम दिख जाओ,
खुद को इतना सशक्त करो,
किसी भंवरे से तुम ना डरो....।।
सुनो तितलियों, मेरी बात सुनो,
नित नए आयाम गढ़ो,
संकीर्णता की बेड़ियाँ तोड़,
पढ़ो लिखो और बढ़ो,
अंतरिक्ष की कल्पना कर,
पंखों से नए रंग भरो....।।
सुनो तितलियों,मेरी बात सुनो,
नील गगन के नीले रंग को,
उड़कर तुम पंखों में भर लो,
सुदूर क्षितिज भी शर्मा जाए,
तुम जाओ उसके पार उड़ो....।।
सुनो तितलियों,मेरी बात सुनो,
ना कतरे कोई तुम्हारे परों को
तुम इतना स्वाभिमान धरो
घर आंगन की बगिया संग
तुम बागों का भी ध्यान धरों....।।
सुनो तितलियों,मेरी बात सुनो,
तुम देना जग को बतला,
मत फ़ूलों पे अभिमान करो,
हम तितली से बगिया है रोशन,
हर तितली का सम्मान करो.....।।
सुनो तितलियों,मेरी बात सुनो,
उड़ान भरो तुम चाहे जितनी,
अपने पैरों को ज़मीं पे रखो,
उन फूलों को ना मुरझाने देना,
जिनका तुम रसपान करो,
सुनो तितलियों, मेरी बात सुनो,
अपना जीवन आप चुनो....।।🙏🙏
✍️गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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