Sunday 26 July 2020

चाय का कुल्हड़

चाय का कुल्हड़


लाई भर के चाय का कुल्हड़
उसको मेरी ओर बढ़ाकर
पत्नी जी करती फरमाइश
चलो कही लाओ घुमाकर
पीछे पीछे बच्चे आये
बाहर बाहर की रट्ट लगाकर
पत्नी जी ने घेरा है
फील्डिंग बहुतई टाइट लगाकर
पीकर पूरा चाय का कुल्हड़
मैं बोला बहुत सोचकर
कोरोना को हराना है
हम सबको घर मे बैठकर
मेरे प्यारे बच्चों सुन लो
रह लो थोड़ा और संभलकर
चलते है फिर दूर कही हम
कुछ दिन थोड़ा और ठहरकर
पापा पक्का प्रोमिश
हाँ बेटा पक्का वादा
बच्चे खुश होकर निकले
पत्नी जी मुँह सुजाकर
बुरा हो कोरोना तेरा
बड़बड़ाती गाल बजाकर
थोड़ी सी हिम्मत पाकर
मैंने बोला पास बुलाकर
बैठो थोड़ा शांत होकर
पत्नी जी ने सांस खींचकर
मुझको देखा नीचे ऊपर
बोली अबसे तुम ही दोगे
सबको भरके चाय का कुल्हड़
सबको भरके चाय का कुल्हड़....

😲😭😀✍️गौरव

भोपाल मध्यप्रदेश

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