Sunday 3 May 2020

ग़ज़ल


मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
मेरी आँखों पे चढ़ा पर्दा तेरा
चेहरा तो नही है ?
मुश्किल है बड़ा इश्क़ ये
आसां तो नही है,
कितना भी करो आपको पता
चलता ही नही है।।
मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
बाखुदा तुझसे मेरा,रिश्ता है,जन्मों का
तेरा रिश्ता भी यकीनन किसी 
और से नही है।
मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
        मेरे ख्वाबों में बदस्तूर चले आते हो
मैने पलको को उठाकर तुम्हें
रोका भी नही है।
मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
मेरी आँखों पे चढ़ा पर्दा तेरा
चेहरा तो नही है? ✍️©️गौरव

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