Saturday 2 May 2020

देश बनाना पड़ता है।



दुश्मन को मिटाना पड़ता है
कभी खुद मिट जाना पड़ता है
अपने आप  से बनता नही
देश बनाना पड़ता है
घ्रणित अपराधों से
मंहगाई भ्रस्टाचारों से
बेगारी से लाचारी से
छुटकारा दिलाना पड़ता है
एक अकेले का ये काम नही
सबको हाथ बंटाना पड़ता है
अपने आप से बनता नही
देश बनाना पड़ता है। :- गौरव

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