Saturday 2 May 2020

ज़िन्दगी चल रही है।



यूँ तो ज़िंदा हूँ,सांसे भी चल रही है
धड़कने धीमी ही सही,मगर चल रही है
तुम गए हो जबसे रूठकर
हर शाम तन्हाई में ढल रही है,
मैं थम सा गया हूँ,
बस ज़िन्दगी चल रही है।
अब ना किस्मत पे भरोसा है,
ना उम्मीद का सहारा है,
कुछ घड़ियां चुराई थी,वक्त से मैंने,
वक्त ने मुझे इस कदर मारा है,
ना गम का साथ है,
ना खुशी मिल रही है
मैं थम सा गया हूँ,
बस ज़िन्दगी चल रही है।
मैं जीना चाहता हूँ,
जीने के लिए तुम जरूरी हो,
मैं लिखना चाहता हूँ,
लिखने के लिए तुम जरूरी हो,
मैं तुम्हे खुद में ज़िन्दा रखूँगा,
तुम्हारी याद में यूँही
लिखता रहूंगा,
मेरे ख्यालों के साथ,
मेरी कलम चल रही है
मैं थम सा गया हूँ,
बस ज़िन्दगी चल रही है।
ज़िन्दगी चल रही है।।:- गौरव

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