Wednesday 6 May 2020

रोज़गार ए इश्क़



तेरा नाम है तेरी याद है
 तेरी सूरत है तेरी बात है
जो दिल मे समाई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है
जो दिल मे समाई है
कैसे जुदा कर दूं तुझको
हो जाऊँगा में गरीब
दूरी भले हो जिस्मों की
 पर दिल के है तू करीब
इस दौलत को गिन गिन के
मैंने कितनी रातें बिताई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है।
कोई छीन नही सकता
ना कोई चुरा सकता है
ये वो खजाना है जो
बिन मांगे मिला करता है
इसकी चाकरी में मैंने
जान अपनी लगाई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है
जो दिल मे समाई है।...✍️©️गौरव

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