मई के इस महीने की
बेमौसम सी बारिश में
मन करता है निकल जाऊ
तुम्हे लेके साथ मे
किसी पर्वत की वादियों की
ठंडी ठंडी हवाओं में
कलकल बहती किसी नदी की
लकड़ी वाली नाव में
बर्फ के चादरों से ढंकी
कोई झील हो अपनी राह में
तन मन हो जाये शीतल मेरा
तुम्हारी जुल्फों की छांव में
बारिश से पहले मौसम की
सुहानी सी शाम में
पैदल पैदल दोनो चले
हाथो में हाथ थाम लें
मन करता है निकल जाऊ
तुम्हे लेके साथ मे...✍️©️गौरव
बेमौसम सी बारिश में
मन करता है निकल जाऊ
तुम्हे लेके साथ मे
किसी पर्वत की वादियों की
ठंडी ठंडी हवाओं में
कलकल बहती किसी नदी की
लकड़ी वाली नाव में
बर्फ के चादरों से ढंकी
कोई झील हो अपनी राह में
तन मन हो जाये शीतल मेरा
तुम्हारी जुल्फों की छांव में
बारिश से पहले मौसम की
सुहानी सी शाम में
पैदल पैदल दोनो चले
हाथो में हाथ थाम लें
मन करता है निकल जाऊ
तुम्हे लेके साथ मे...✍️©️गौरव
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