Sunday, 31 May 2020

आफ़ताब

एक दिन ढल जाएगा,चेहरे का आफ़ताब,
रह जायेगी थकान,जिंदगी की बेहिसाब,
ना रहेगी चुस्ती फुर्ती, तंदरूस्ती बदन की,
रह जायेगी सिलवटे, बीती ज़िन्दगी की...

आएंगी याद सारी बातें,
गुजरते लम्हों में,सुनहरे लम्हो की
हंसाती, रुलाती,कहकहे लगातीं,
अपने परायों के किस्से सुनातीं...

वक़्त से भला कौन जीत पाया है,
उम्र का ये दौर सबके हिस्से में आया है,
काश ये दौलत शोहरत बुढ़ापे को मार पाती
गर नही ऐसा तो फिर क्यों ये सब कमाया है...

तो आ, फिर उस दौर को जगमगाते है,
हर पल जीते है, हर लम्हा मुस्कुराते है,
मिलकर अनजान लोगों से, दिल से दिल मिलाते है,
मौत तक जो खत्म ना हों, इतनी यादें बनाते है...

दिलकश बातें,हसीन यादें,पूरे हुए ख्वाब,
इन्ही से चमकेगा,अपने नाम का आफ़ताब...✍️गौरव

Thursday, 28 May 2020

ख्याल तुम अपना रखना

ख्याल तुम अपना रखना
ख्याल तुम अपना रखना
कोरोना के इस मौसम में
जान तुम घर पर रहना

कैसी ये मज़बूरी है
चाहत अभी अधूरी है
मिलने की ना कोशिश हो
दो गज दूरी जरूरी है
जब भी बाहर निकलो तुम
फेसमास्क लगा रखना
ख्याल तुम अपना रखना
ख्याल तुम अपना रखना

याद मेरी आये तो
वीडियो कॉल मुझे करना
Use mobile करके तुम
अच्छे से handwash करना
बाहर की चीज़ों को
Senetize करके रखना
ख्याल तुम अपना रखना
ख्याल तुम अपना रखना...😀✍️ गौरव

भोपाल मध्यप्रदेश
9424557556



Wednesday, 27 May 2020

💔मैं दिल का बुरा नहीं💔


💔मैं दिल का बुरा नहीं💔


मैं दिल का बुरा नहीं,मगर
मुझे इतना बुरा बना दिया,
रिश्ते-नाते सब टूट गए,
किस्मत ने भी दगा दिया,
तेरे प्यार की हसरत ने,
मुझे सबसे जुदा करा दिया,
मैं दिल का बुरा नहीं, मगर
मुझे इतना बुरा बना दिया,

तेरी चाहत, तुझको मिली,
मुझको मिली, तन्हाइयां,
मेरे दामन पे दाग लगे,
मुझको मिली, रुसवाईयाँ,
दिल को सुकून,है फिर भी,
तुझे,हारकर मैं, जीत गया,
मैं दिल का बुरा नहीं,मगर,
मुझे इतना बुरा बना दिया,

नाम तुम्हारा, होंठो पर अब,
ना आएगा, फिर से कभी,
मेरे बुरा होने से,
तुम खुश रहोगी, तो ये भी सही,
खोकर तुम्हे, हासिल हुआ, मैं,
प्यार का मतलब सीख गया,
मैं दिल का बुरा नहीं,मगर,
मुझे इतना बुरा बना दिया-2....✍️गौरव

भोपाल मध्यप्रदेश
9424557556



चलो जुदा हो जाते है।

हमारा मिलना एक ख्वाब था
उस ख्वाब को यादों में सजाते है
हमारी बातें बस ख्याल थी
उन ख्यालों को भूल जाते है
चलो जुदा हो जाते है
चलो जुदा हो जाते है
उन दरख्तों की छांव को
जहां लगे थे हम गले
उन बारिशों की बूदों को
जिनमे भीगे भीगे संग चले
उन हवाओ के झोंकों को
जो बाल तुम्हारे उड़ाते थे
उन सांसों की खुशबू से
दो बदन महकते थे
दफना देते है दिल मे कही
उन लम्हो को जो साथ बिताते थे
चलो जुदा हो जाते है चलो जुदा हो जाते है
हमारे बीच मे गुंजाईश को रखना होगा
दिल मे ना सही नज़रो में रखना होगा
फिर किसी मोड़ पर जो मिलें दोबारा
अनजान बनने के लिए भी याद तो रखना होगा
वरना बातें बनाकर लोग बहुत सताते है
चलो जुदा हो जाते है चलो जुदा हो जाते है।






Tuesday, 26 May 2020

बचपन

गांव जा रहे हो तो
बचपन साथ ले जाना तुम
नानी की गोदी में लाड़ से
फिर से बैठ जाना तुम
गांव जा रहे हो तो
बचपन साथ ले जाना तुम....

गांव की तंग गलियों में
उबड़ खाबड़ मिट्टी में
नंगे नंगे पैरो से जैसे
बचपन मे खेला करते थे
वैसे खेल के आना तुम
गांव जा रहे हो तो
बचपन साथ ले जाना तुम...

जाना आम के पेड़ तले
जिसमे कभी थे झूले डले
शायद कैरी खाई हो तुमने
बचपन मे झूले झूल झूल के
फिर उन झूलों पे 
झूल के आना तुम
गांव जा रहे हो तो
बचपन साथ ले जाना तुम...

माना अब पक्के मकान है वहां
पर कच्चे भी देख आना तुम
पलंग से उतरकर एक बार
खटिया पे लेट जाना तुम
मिट्टी की सौधि सौंधी महक
सांसो में भरकर लाना तुम
गांव जा रहे हो तो
बचपन साथ ले जाना तुम...✍️गौरव


Saturday, 23 May 2020

बना ले वक़्त अपना

INTRO [INSTRUMENTAL]
बना ले मुझे चूड़ी,
तेरी कलाई में, 
खनका करूँ मैं,
बना ले मुझे पायल,
तेरे पैरों में, 
छनका करूँ मैं,

VERSE 
बना ले मुझे चूड़ी,
तेरी कलाई में, 
खनका करूँ मैं,
बना ले मुझे पायल,
तेरे पैरों में, 
छनका करूँ मैं,
बना के मुझे बिंदी ,
अपने माथे पे, 
रोशन कर,
या बना ले मुझे झुमका,
तेरे कानो में, 
लटका करूँ मैं,
ख्वाहिशें ज्यादा नही,
बस इतनी सी, तमन्ना है,
बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही गुजरा करूँ मैं,

बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही गुजरा करूँ मैं,

बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही गुजरा करूँ मैं,

INSTRUMENTAL BREAK 

VERSE 1
बसर कर मेरी सोच में,
तेरे लिए लिखता रहूँ, मैं,
असर कर मेरी सांसो में,
तुझे दिखता रहूँ, मैं
संवर कर चल मेरे साथ,
मंजिलों की तलाश में,
ठहर कर रास्तों में,
कुछ पल तुझे तकता रहूँ मैं,

बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही, गुजरा करूँ मैं,
बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही, गुजरा करूँ मैं,
INSTRUMENTAL BREAK 

OUTRO
ना दूर कर मुझे,
टूटे शीशे की तरह,
लेके तेरा नाम,
दर बदर भटका करूँ मैं,
बांध लें अपने गले में,
काले धागे की तरह,
बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही गुज़रा करूँ मैं
बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही, गुजरा करूँ मैं,

बना ले मुझे वक्त अपना,
तेरे साथ ही, गुजरा करूँ मैं,

तेरे साथ ही, गुजरा करूँ मैं,
[Fade out]
✍️©️गौरव


Friday, 22 May 2020

तुम ज़िन्दगी

तुम रोशनी 
तुम चांदनी
तुम जीवन 
ताल की रागिनी
तुम सादगी 
तुम ताज़गी
तुम आशिको 
की आशिक़ी
तुम रोशनी 
तुम चांदनी
तुम जीवन 
ताल की रागिनी
तुम सादगी 
तुम ताज़गी
तुम आशिको 
की आशिक़ी
{Instrumental break}

तुम प्रीत हो 
मनमीत हो
तुम नगमा हो 
तुम गीत हो
तुम मेरे दिल 
की तान का
सबसे मधुर 
संगीत हो
तुम शायरों 
की शायरी
मुशायरो 
की मौशिकी
तुम बानगी 
दीवानगी
तुम सांसो की
रवानगी
{Instrumental break}

सुनो ऐ हसीं 
तुम हो खुशी
तुम खुदा की 
जैसे बंदगी
तुम्हे और क्या 
मैं नाम दूँ
तुम ज़िन्दगी 
तुम ज़िन्दगी
तुम ज़िन्दगी 
तुम ज़िन्दगी

A SONG BY GAURAV SHAKYA

Saturday, 16 May 2020

मेरी व्यथा...

बहुत पढ़े होंगें आपने,
प्रेम कथाओं के वर्णन
जीवन चरित्रों के चित्रण,
विरह वेदना के मंथन
अब मेरी, व्यथा भी समझिये
कीजिये कुछ, इस पर  चिंतन....
हूँ, शासकीय सेवा में
चिकित्सक धर्म निभाता हूँ,
कोरोना संदिग्धों की जांच मै करता
घर घर दवा बंटवाता हूँ
45 दिन बीत गए,
ना देखा अपनी गुड़िया को,
मेरा नन्हा मुन्ना राजा
है 10 महीने का होने को...
घर से मेरी बूढ़ी अम्मा
करके फोन बुलाती है,
विरह वेदना से पीड़ित
मेरी पत्नी मुझे रुलाती है...
पापा तुम कब आओगे
बिटिया, पूछती बातों बातों में
कैसे बता दूँ तुमको बेटा
ये नही है मेरे हाथों मे,
बिस्किट, चॉकलेट ,आइसक्रीम सब
लेकर इक दिन आता हूँ
झूठी मूठी बातों से,
उसको विश्वास दिलाता हूँ...
पर अब मै, ये जान गया
सरकारो ने भी माना है
खत्म ना होगा कोरोना ये
इसके साथ ही जीते जाना है...
तो खत्म करो, ये तालाबंदी
उठाओ, हम पर से पाबंदी
अवकाशों की स्वीकृति देकर
घर जाने की दो रज़ामंदी...
तन मन से हूँ थका हुआ
अब नही बची, सहने की शक्ति
अब नही बची, सहने की शक्ति...©️✍️गौरव

Thursday, 14 May 2020

मज़दूर

ना होता मैं जो, शहरों में
कैसे, पहचान बनाते तुम ?
कैसे, कारोबार तुम करते ?
कैसे घर मकान बनाते तुम ?
ना होता जो मैं, खेतो में
कैसे, धान लगाते तुम ?
ना होता जो मैं,बागों में
फल फूल कहाँ से लाते तुम ?
अब मैं हूँ, उन सड़को पे
मैंने ही बनाया, है जिनको
नाप नाप के बनी थी जो
मैं, पैदल नाप रहा उनको
नही सहारा मिला मुझें
उन सारे ठेकेदारों से
ना कर दी व्यवस्था मेरे लिए
मेरी ही सरकारो ने
विकास धरा का, करने वाला
विकास धारा से, दूर हूँ मैं
अपने पांव में छाले लिए
पैदल चलता, मज़दूर हूँ मैं
अपने पांव में छाले लिए
पैदल चलता, मज़दूर हूँ मैं...✍️©️गौरव

Sunday, 10 May 2020

बेमौसम बारिश

मई के इस महीने की
बेमौसम सी बारिश में
मन करता है निकल जाऊ
तुम्हे लेके साथ मे
किसी पर्वत की वादियों की
ठंडी ठंडी हवाओं में
कलकल बहती किसी नदी की
लकड़ी वाली नाव में
बर्फ के चादरों से ढंकी
कोई झील हो अपनी राह में
तन मन हो जाये शीतल मेरा
तुम्हारी जुल्फों की छांव में
बारिश से पहले मौसम की
सुहानी सी शाम में
पैदल पैदल दोनो चले
हाथो में हाथ थाम लें
मन करता है निकल जाऊ
तुम्हे लेके साथ मे...✍️©️गौरव




Saturday, 9 May 2020

माँ...

सागर भी ना गहरा उतना
ना नभ का विस्तार है,
अपने बच्चों के लिए जितना
माँ के मन मे प्यार है।
भूख लगी तो मम्मी मम्मी
चोट लगी तो उइ माँ उई माँ
दुख की हर घड़ी में बस
माँ ही तारणहार है।
भगवान भी जिसकी पूजा करते
जब जब आते संसार में,
उस माता को नमन करे हम
वो ईश्वर का अवतार है...✍️©️गौरव
🌺HAPPY MOTHER'S DAY🌺
♥️LOVE YOU MUMMY ♥️

Wednesday, 6 May 2020

ऐसे मन बहलाता हूँ..


सोचता हूँ बैठ अकेले
तेरे संग जो सुख दुख झेले
तेरे साथ है प्यार के मेले
मैं उन मेलों में
अक्सर गुम हो जाता हूँ
ऐसे मन बहलाता हुँ
मैं ऐसे मन बहलाता हुँ।

प्रतीक्षा की घडियों में
कल्पना की कड़ियों में
तेरे बालों की लड़ियों में
शब्दो के मोती पिरोकर
मैं गीत नया बन जाता हूँ
ऐसे मन बहलाता हुँ
मैं ऐसे मन बहलाता हुँ।

सिलसिला मुलाकातों का
हर समय तेरी बातों का
समंदर है तेरी यादों का
में डूबकर इसमे
फिर ना उतराता हुँ
ऐसे मन बहलाता हुँ।
मैं ऐसे मन बहलाता हुँ...✍️©️गौरव

रोज़गार ए इश्क़

Intro Instrumental
verse 1
तेरा नाम है तेरी याद है
 तेरी सूरत है तेरी बात है
जो दिल मे समाई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है,


instrumental break

verse 2
कैसे जुदा कर दूं तुझको
हो जाऊँगा में गरीब
दूरी भले हो जिस्मों की
 पर दिल के है तू करीब
इस दौलत को गिन गिन के
मैंने कितनी रातें बिताई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है।
instrumental break
verse 3
कोई छीन नही सकता
ना कोई चुरा सकता है
ये वो खजाना है जो
बिन मांगे मिला करता है
इसकी चाकरी में मैंने
जान अपनी लगाई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है
outro
तेरा नाम है तेरी याद है
 तेरी सूरत है तेरी बात है
जो दिल मे समाई है
इश्क़ के रोजगार में
यही मेरी कमाई है,
जो दिल मे समाई है।...✍️©️गौरव

Tuesday, 5 May 2020

तुम बहुत याद आये



जगा हूँ मैं रातों को चैना गवाएं
तुम्हारी कसम तुम बहुत याद आये
तुम्हारे बिना जीना हमको ना भाये
तुम्हारी कसम तुम बहुत याद आये
मोहब्बत हमारी हमें फिरसे मिलाये
तुम्हारे बिना दिन ये कैसे बिताएं
नमी हो जो आंखों में तो कैसे नींद आये
तुम्हारी कसम तुम बहुत याद आये
जरा बात कर लो तो चैन हमको आये
वो प्यारी सी सूरत हम देंखे दिखाएँ
कबके गए हो अभी तक ना आये
ये पूछो जो तुम तो हम मुस्कुराए
तुम्हारी कसम तुम बहुत याद आये
तुम्हारी कसम तुम बहुत याद आये...✍️©️गौरव

तेरी याद



नींद अब आंखों मे नही आती,
दिल से तेरी याद अब नही जाती
कितना बैचैन कर दिया तुमने
बिन तेरे सांस भी ना ली जाती...
लौट आओगे तुम मुझे है यकीं
तन्हा ज़िन्दगी ना गुजारी जाती
नींद अब आंखों मे नही आती,
दिल से तेरी याद अब नही जाती....
बनके खुशबु हवा में बिखरे हो
हर घड़ी साथ मेरे रहते हो
भूल जाऊं तुम्हे ये मुमकिन नही
अपनी परछाई ना छोड़ी जाती
नींद अब आंखों मे नही आती,
                दिल से तेरी याद अब नही जाती...✍️©️गौरव

मेरी तरह सोच तो कभी



जैसे मै सोचता हूँ, तू भी मुझे सोच तो कभी
जैसे मै करता हुँ तू भी प्यार कर तो कभी
मै तेरी चाहत को दिल मे बसाए बैठा हुँ
तू भी दिल से मुझे याद कर तो कभी
मेर्री मासूम सी मोहब्बत को सहारा दे दे
इस दिल को धड़कने का इशारा दे दे
तूफ़ां में फंसी कश्ती डूब ना जाये कहीं
तू बनके साहिल इसे किनारा दे दे
मेरी नज़रों की तरह इंतज़ार कर तो कभी
जैसे मैं करता हूँ तू भी प्यार कर तो कभी
मैं तेरी बातों को दिल से लगाएं बैठा हूँ
तू भी दिल से मुझे याद कर तो कभी
है तेरी कोई मजबूरी तो बता दे मुझे
है शर्त कोई प्यार में तो बता दे मुझे
हुई मुझसे जो खता तो सज़ा दे मुझे
पर यूँ ना हो कि दिल से ही हटा दे मुझे
मेरे पतझड़ से जीवन मे बहार कर तो कभी
जैसे मै करता हूँ तू भी प्यार कर तो कभी
मैं तेरे ख़्वाबों की लत लगाए बैठा हुँ
तू भी दिल से मुझे याद कर तो कभी...✍️©️गौरव

Parody of Dheere Dheere se... From Ashiqui

Parody of Dheere Dheere se... From Ashiqui

धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी से जाना
धीरे धीरे से दिल को रुलाना
मुझसे प्यार नही था फिर क्यूँ जानेजाना
मुझसे मिलकर मुझको था रिझाना
धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी से जाना
धीरे धीरे से दिल को रुलाना
मुझसे प्यार नही था फिर क्यूँ जानेजाना
मुझसे मिलकर मुझको था रिझाना
जबसे तूने छोड़ा मुझको कहीं आराम नही
ऐसा लगता है के जिस्म तो है पर जान नहीं
मेरा ये हाल तुम्हारे कारण है साजन
मेरी आंखों को बहने के सिवा कोई काम नही
अब नही है मेरे जीने का ठिकाना
धीरे धीरे से दिल को रुलाना
धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी से जाना
धीरे धीरे से दिल को रुलाना
पहले भी अक्सर मै था जागा रातों में
तेरे प्यार में तेरी मीठी मीठी बातों में
तूने मुझे बेशक हद से ज्यादा तड़पाया
इतना करके भी मुझपे ना तुझको प्यार आया
हो गया क्यूँ तू मुझसे बेगाना
धीरे धीरे से दिल को रुलाना
मुझसे प्यार नही था फिर क्यूँ जानेजाना
मुझसे मिलकर मुझको था रिझाना
धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी से जाना
धीरे धीरे से दिल को रुलाना..✍️©️गौरव



Sunday, 3 May 2020

धडकता दिल


मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
मेरी आँखों पे चढ़ा पर्दा तेरा
चेहरा तो नही है ?
मुश्किल है बड़ा इश्क़ ये
आसां तो नही है,
कितना भी करो आपको पता
चलता ही नही है।।
मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
बाखुदा तुझसे मेरा,रिश्ता है,जन्मों का
तेरा रिश्ता भी यकीनन किसी 
और से नही है।
मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
        मेरे ख्वाबों में बदस्तूर चले आते हो
मैने पलको को उठाकर तुम्हें
रोका भी नही है।
मेरे सीने में धड़कता ये दिल
तेरा तो नही है ?
मेरी आँखों पे चढ़ा पर्दा तेरा
चेहरा तो नही है? ✍️©️गौरव

Saturday, 2 May 2020

आयुष चिकित्सक



हम वो है जो मौत को चेक करते है
मौत है या नही ये कन्फर्म करते है
हमे नही मिलती है सुरक्षा फिर भी
हम क्वारेन्टीन सुरक्षित करते है
चारो ओर है डयूटी हमारी
हम डयूटी पूरी करते है
रातें कटती दौड़ते भागते
दिन में औषधि वितरित करते है
पर जब लोग हम पर थूकते है 
मारने को दौड़ते है
तब अंदर ही अंदर 
हम भी बहुत डरते है
फिर भी दोबारा उनके बीच
जाकर काम करते है
सरकार वज़ीर बचाकर बैठी
हाथी घोड़े मरते है,
कोरोना की जंग जबरदस्त
हम आयुष वाले लड़ते है
कोरोना की जंग जबरदस्त
हम आयुष वाले लड़ते है.....
:- गौरव

मेरी तमन्ना



बहने दे
मेंरी आंख से तेरे आँसुओ को
रहने दे
मेरे सीने में तेरे दर्द को
कहने दे
जो कहना है इस दिल को
जुड़ने दे
तेरी सांस से मेरी सांस को
चाहने दे
जिस्म से परे तेरी रूह को
टूटने दे
तेरी याद में इस दिल को
सहने दे
तुझसे दूरियोँ के ग़म को
पूछने दे
क्या मोहब्बत है तुमको ?
सोचने दे
हर वक्त तेरी बातों को
चूमने दे
ख्यालों में तेरे लबों को
भूलने दे
तेरी चाह में अपने आप को
जीने दे
ज़िन्दगी में मिले तेरे साथ को..✍️©️गौरव


ज़िन्दगी चल रही है।

[INTRO]  
यूँ तो ज़िंदा हूँ, साँसें भी चल रही हैं  
धड़कनें धीमी सही, पर चल रही हैं  

[INSTRUMENTAL BREAK]  

[VERSE 1]  
यूँ तो ज़िंदा हूँ, साँसें भी चल रही हैं  
धड़कनें धीमी सही, पर चल रही हैं  
तुम गए हो जबसे रूठकर  
शाम तन्हाई में ढल रही है  
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  
ज़िन्दगी चल रही है  

[INSTRUMENTAL BREAK]  

[VERSE 2]  
अब ना किस्मत पे भरोसा है  
ना उम्मीद का सहारा है  
चंद घड़ियाँ चुराई थीं मैंने  
वक्त ने इस कदर मारा है 

अब ना किस्मत पे भरोसा है  
ना उम्मीद का सहारा है  
चंद घड़ियाँ चुराई थीं मैंने  
वक्त ने इस कदर मारा है  

ना गम का साथ है  
ना खुशी मिल रही है  
ना गम का साथ है  
ना खुशी मिल रही है  
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  
ज़िन्दगी चल रही है  

[INSTRUMENTAL BREAK]  

[BRIDGE]  
मैं जीना चाहता हूँ  
जीने के लिए तुम ज़रूरी हो  
हर पल सोचता हूँ  
कैसे दिल की हसरत पूरी हो  
तुम्हारा साथ पाने की  
नहीं कोई राह दिख रही है
फिर भी नज़रें मेरी
तेरा intzaar कर रही है
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  

[OUTRO]  
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  
मैं थम-सा गया हूँ  
बस ज़िन्दगी चल रही है  
ज़िन्दगी चल रही है  
ज़िन्दगी चल रही है  

[MUSIC FADE OUT]

देश बनाना पड़ता है।



दुश्मन को मिटाना पड़ता है
कभी खुद मिट जाना पड़ता है
अपने आप  से बनता नही
देश बनाना पड़ता है
घ्रणित अपराधों से
मंहगाई भ्रस्टाचारों से
बेगारी से लाचारी से
छुटकारा दिलाना पड़ता है
एक अकेले का ये काम नही
सबको हाथ बंटाना पड़ता है
अपने आप से बनता नही
देश बनाना पड़ता है। :- गौरव

रोज़ जारी रहती है...

रोज़ जारी रहती हैं
कोशिशे जिंदा रहने की
तुमसे कुछ सुनने
तुम्हे कुछ कहने की
अपनी गलतियों का
पछतावा है मुझे
बस अब और नही है
हिम्मत सहने की
मै किसी और का हो गया
ये तो कभी नही हुआ
तुम क्यों रखती हो आरज़ू
किसी और के होने की
अभी अभी तो सीखा है
मोहब्बत का फ़लसफ़ा
तमाम उम्र करनी है कोशिश
तुम्हे खुश रखने की
जो बीत गया उसे
बुरा दौर समझ आगे बढ़ो
जरूरत नही यादों की जंजीरों में
बंधकर चलने की
मै मेरा घर परिवार तुमसे है
तुमको भी करनी है कोशिश
ये तस्वीर बदलने की..... :- गौरव