Tuesday 9 June 2020

कान्हा जी



💕कान्हा जी💕

कर्मों की कश्ती पर बैठा,
"श्री गीता" की पतवार लगा दो,
भव सागर के बीच फंसा हूँ,
कान्हाजी मुझे पार लगा दो...

दुखहर्ता सुखकर्ता तुम ही,
कर्मों का निर्धारण करते हो,
पापी है जो जन्म जन्म के,
तुम सबका तारण करते हो,
मायाजाल के बीच फंसा हूँ,
बुद्धि मेरी सतकार्य लगा दो,
भव सागर के बीच फंसा हूँ,
कान्हाजी मुझे पार लगा दो,

अधर्म से मुक्त कराने का,
पाप धरा से मिटाने का,
वचन दिया था आने का,
संसार को बचाने का,
समय हो गया है, अब प्रभु,
अपना इक अवतार दिखा दो,
भव सागर के बीच फंसा हूँ,
कान्हाजी मुझे पार लगा दो,
कान्हाजी मुझे पार लगा दो....🙏✍️गौरव

भोपाल मध्यप्रदेश




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