क्षणिकाएं
१) दीवारों पर ना सही,
दिल में उनके निशां,
आज भी है,
गैरों में ना सही,
अपनो में हम बेगाने,
आज भी हैं,
कुछ इस तरह है बयां,
अपनी मोहब्बत का फ़लसफ़ा,
वो किसी और के हो गए,
हम उनके दीवाने,
आज भी है।।
✍️गौरव 24.01.2023
२) बाइज़्ज़त निकली थी घर से,तेरी गली में बेइज़्ज़त हो गई,
हया का पर्दा हटा नज़र से,कम्बख्त मोहब्बत हो गई।।
✍️गौरव 24.01.2023
शेर- इज़ाज़त
तुम जो करते हो,उसकी इज़ाज़त, किसी और को नही है,
मगर सिर्फ और सिर्फ दिल दुखाना ही,मोहब्बत तो नही है।
🙏✍️गौरव
२२.०७.२०२०
शेर- ज़ज्बात
जज़्बात आज भी, मेरे ठहरे है,
जुबां पे आज भी, मेरे पहरे है,
मैं गुमगश्त हूँ, तेरी यादों में,
ज़ख़्म-ए-दिल आज भी,मेरे गहरे है।।
✍️गौरव १९.०७.२०२०
गुमगश्त- खोया हुआ।
इंतज़ार
आज फिर जेहन में तेरी यादों ने डाला डेरा
मेरी सांसो को तेरी ख़ुशबू ने आके घेरा
खुदाया कब तलक तड़पना है मुझे ये तो बता
खत्म होगा या नही ये इंतज़ार मेरा....🙏 ✍️गौरव
०४.०९.२०२०
शेर- परवाज़
घाव गहरे तो है मगर, अभी और चोट खाना बाकी है,
तुम्हारी नज़रों में आया हूँ, अभी दिलों में आना बाक़ी है ।।
परिंदों से कह दो, परवाज़ ऊंची ही रखें,
निगाहें आसमाँ पर मेरी,बस, पर फैलाना बाक़ी है।।
✍️गौरव
१६.०७.२०२०
भोपाल मध्यप्रदेश
सीधा उल्टा एक, जादुई शेर
1) सीधा- खुशियाँ मिली कभी, कभी मिले ग़म,
खुदा तेरी इनायत है,आगे बढ़ते रहे हम।।
उल्टा- हम रहे बढ़ते आगे,है इनायत तेरी खुदा,
ग़म मिले कभी,कभी मिली खुशियाँ।।
2) सीधा- एक मेरी चाहत, चरण तेरे श्याम,
एक मेरी मन्नत, बस चिंतन तेरा श्याम।
तुझमे घुल जाए,जीवन मेरा श्याम,
एक मेरी हसरत,दर्शन तेरे श्याम।।
उल्टा- श्याम तेरे चरण,चाहत मेरी एक,
श्याम तेरा चिंतन बस,मन्नत मेरी एक।
श्याम मेरा जीवन,जाए घुल तुझमे,
श्याम तेरे दर्शन,हसरत मेरी एक।।
✍️गौरव
16.07.20
भोपाल मध्यप्रदेश
रोज़ी रोटी की तलाश में, ठिकाने बदलते रहे,
हर दौर में गरीबों के, आशियाने बदलते रहे,
ना मंज़िल हुई हसिल, ना सफर ही हुआ खत्म
वो चलते रहे 'बेखबर' ज़माने बदलते रहे...✍️गौरव ३१.०५.२०
मोहब्बत में बहाने बदलते रहे,
नज़रों के निशाने बदलते रहे,
हम बदल ना सके, उनके मुताबिक़,
वो अपने मुताबिक़, ठिकाने बदलते रहे।✍️गौरव ३१.०५.२०
शेर - राब्ता
मेरा और समन्दर का,इतना है राब्ता,
मेरे आँसू खारे, उसका पानी खारा....।।
✍गौरव १०.०६.२०२२
शेर- डायरी
पन्नों - पन्नों पर,डायरी के, कतरा - कतरा सी,ज़िन्दगी है।
तन्हा - तन्हा से लफ़्ज़ों में, भीगी - भीगी सी शायरी है।।
✍️गौरव १०.०६.२०२२
आफताब ढल गया,बातों ही बातों में,
मैं थाम के बैठा रहा, हाथों को हाथों में
बेसब्री से था इंतज़ार जिस मुलाकात का
मिलकर वक़्त गुजर गया,आंखों ही आंखों में..✍️गौरव २९.०५.२०२०
शेर- अधूरी मोहब्बत
सिरहाने तकिये के,हर रात गुज़र करती है,
अधूरी मोहब्बत भी,ताउम्र असर करती है।।
✍️गौरव १०.०६.२०२२
ए बारिश ज़रा सीख ले बरसने का कायदा
जिनकी छत टपकती हो उन्हें डुबोने से क्या फायदा..
✍️गौरव ०४.०९.२०२०
बहुत खूब
ग़म में लिखे लफ्जों को,खुशी के गीत दे दूँ,
अपनी किसी ग़ज़ल को,नया रूप दे दूँ ।
तुमको देखा जो आज बारिश में, भीगते हुए,
यूँ लगा जिंदगीं को आज, "बहुत खूब" कह दूँ।।
✍️गौरव १२.०७.२०२०
शेर
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
चर्चे मेरे होंगे तो मशहूर तू भी हो जाएगी।। ✍️गौरव ०४.०९.२०२०
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