जिसने नहीं किया हो,
श्री कृष्ण का गुणगान,
जिसने नही सुना हो,
श्री कृष्ण का गुणगान,
बेकार है वो जीवन,
बेकार वो इंसान,
बेकार है वो जीवन,
बेकार वो इंसान......
जिन कानों ने सुनी ना हो,
श्री कृष्ण की कथा,
वो कान मानो कोई,
छोटी सी हो गुफा,
जिस जीभ ने किया ना हो,
भगवान का बखान,
टर्र टर्र करते रहते,
मेंढ़क के वो समान,
बेकार है वो जीवन,
बेकार वो इंसान......
श्री कृष्ण के चरणों में,
जो सिर नहीं झुकता,
स्वर्ण मुकुट सज्जित,
वो बोझ है लगता,
जो आंख श्री कृष्ण का,
दर्शन नहीं करती,
वो व्यर्थ जैसे मोर पंख में,
आंख का निशान,
बेकार है वो जीवन,
बेकार वो इंसान.....
जो हाथ श्री कृष्ण की,
पूजा नही करते,
मुर्दों के हाथ जैसे,
सदा खाली ही रहते,
वो पैर जो चलते नही,
श्री कृष्ण जी के धाम,
स्थिर है जैसे पेड़,
ऐसे ही उनको मान,
बेकार है वो जीवन,
बेकार वो इंसान.....
जिसने श्री चरणों में,
जीवन दिया गुजार,
कट जाते उसके बंधन,
खुल जाते मुक्ति द्वार,
जीवन मरण के चक्र से,
हो जाता है वो पार,
भज ले हरि को भजले,
जीवन को ले सुधार......
भज ले हरि को भजले,
जीवन को ले सुधार.......✍️गौरव
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