याद
मुखड़ा-
जैसे मै सोचता हुँ तू भी मुझे सोच तो कभी।
जैसे मै करता हुँ तू भी प्यार कर तो कभी।
मै तेरी चाहत को दिल मे बसाए बैठा हुँ,
तू भी दिल से मुझे याद कर तो कभी।।
जैसे मै सोचता...................कर तो कभी।।
अंतरा-1
मेरी मासूम सी मोहब्बत को सहारा दे दे,
इस दिल को धड़कने का इशारा दे दे।
तूफ़ां में फंसी कश्ती डूब ना जाये कहीं,
तू बनके साहिल इसे किनारा दे दे।।
मेरी नज़रों की तरह इंतज़ार कर तो कभी,
जैसे मैं करता हूँ तू भी प्यार कर तो कभी।
मैं तेरी बातों को दिल से लगाएं बैठा हूँ,
तू भी दिल से मुझे याद कर तो कभी।।
अंतरा-2
है तेरी कोई मजबूरी तो बता दे मुझे,
है शर्त कोई प्यार में तो बता दे मुझे,
हुई मुझसे जो खता तो सज़ा दे मुझे,
पर यूँ ना कर कि दिल से हटा दे मुझे,
मेरे पतझड़ से जीवन मे बहार कर तो कभी,
जैसे मै करता हूँ तू भी प्यार कर तो कभी।
मैं तेरे ख़्वाबों की लत लगाए बैठा हुँ,
तू भी दिल से मुझे याद कर तो कभी...।।
जैसे मै सोचता...................कर तो कभी।।
🙏🙏🙏✍️गौरव
भोपाल मध्यप्रदेश
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