तुम आती हो ख्यालों में तो कुछ और नही आता
नींद नही आती चैन नही आता
चाहता हूं कहना बहुत कुछ तुम्हे
पर देखकर तुम्हे कुछ बोल नही पाता
यूँही दुआ सलाम का सिलसिला बना रहे
चाहकर भी तुम्हे अब मै भूल नही पाता
तुम्हे देखता हूँ सुबह तो
अंशु नज़र आती हो
जो देखता हूँ शाम को
तो चाँदनी बन जाती हो
कभी छूकर देख लूँ
इतने करीब होती हो
कभी मिल के भी ना मिलो
इतनी दूरियाँ बढ़ाती हो
तुम्हारा ये अंदाज़े बयां समझ नही आता
चाहकर भी तुम्हे अब में भूल नही पाता...
नींद नही आती चैन नही आता
चाहता हूं कहना बहुत कुछ तुम्हे
पर देखकर तुम्हे कुछ बोल नही पाता
यूँही दुआ सलाम का सिलसिला बना रहे
चाहकर भी तुम्हे अब मै भूल नही पाता
तुम्हे देखता हूँ सुबह तो
अंशु नज़र आती हो
जो देखता हूँ शाम को
तो चाँदनी बन जाती हो
कभी छूकर देख लूँ
इतने करीब होती हो
कभी मिल के भी ना मिलो
इतनी दूरियाँ बढ़ाती हो
तुम्हारा ये अंदाज़े बयां समझ नही आता
चाहकर भी तुम्हे अब में भूल नही पाता...
✍️गौरव
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